कलम की धार से
Tuesday 9 July 2013
किसकी चाहत में कितना दम है ......
कौन कमबख्त कहता है कि
हसरतें दिल की पूरी नहीं होतीं ......
तक़ाज़ा तो इस बात का है कि
किसकी चाहत में कितना दम है ......
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