समय की शिला पर मेरा हर एक स्वप्न
हक़ीक़त बनकर उकरेगा ......
छुपा है जो हृदय के धरातल पर
वो यथार्थ बनकर उभरेगा .... ......
सार्थक हो जाएगा मेरा जीवन उस पल
जब मेरा भारत मुझ पर गर्व करेगा ....
जीवन की कटुता से परहेज नहीं है मुझको
अग्नि में तपकर मेरा रूप और निखरेगा ॥
अंजलि पंडित ।
हक़ीक़त बनकर उकरेगा ......
छुपा है जो हृदय के धरातल पर
वो यथार्थ बनकर उभरेगा .... ......
सार्थक हो जाएगा मेरा जीवन उस पल
जब मेरा भारत मुझ पर गर्व करेगा ....
जीवन की कटुता से परहेज नहीं है मुझको
अग्नि में तपकर मेरा रूप और निखरेगा ॥
अंजलि पंडित ।
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