लोग कहते हैं कि खुशकिस्मत हैं हम
क्योंकि हमारी राहों में अंधेरे नहीं हैं
अब कैसे बताएं उनको ........
कि इस रोशनी के लिए
कब से हम चिरागों की तरह
खुद ही जल रहे हैं ......... अंजलि पंडित ।
क्योंकि हमारी राहों में अंधेरे नहीं हैं
अब कैसे बताएं उनको ........
कि इस रोशनी के लिए
कब से हम चिरागों की तरह
खुद ही जल रहे हैं ......... अंजलि पंडित ।
दर्द में जब कोई सहारा नही होता है तब दर्द में हम खुद को ही जलते हैं
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