Monday 12 January 2015

लोग कहते हैं कि खुशकिस्मत हैं हम

क्योंकि हमारी राहों में अंधेरे नहीं हैं

अब कैसे बताएं उनको ........

कि इस रोशनी के लिए

कब से हम चिरागों की तरह

खुद ही जल रहे हैं ......... अंजलि पंडित । 

1 comment:

  1. दर्द में जब कोई सहारा नही होता है तब दर्द में हम खुद को ही जलते हैं

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