Monday 12 January 2015

ये कैसा भारत निर्माण ..... !

क्या जन-मानस में व्याप्त कलुषता
प्रमाण है इस बात का कि
भारत निर्माण हो रहा है ..... ?
इस समाज में .... हर परिमाण में ....
हर मन में बसी बेबसी ,
प्रमाण है इस बात का कि
भारत निर्माण हो रहा है ..... ?

हर कोमल मन को ....
दिल से लेकर अन्तः स्थल तक को
डसती गरीबी .....
प्रमाण है इस बात का कि
भारत निर्माण हो रहा है ..... ?

जिन रहनुमाओं को मिला ठेका
बेईमान पकड़ने का ....
बन न्याय के पहरेदार
अन्याय से लड़ने का ....
उन्ही हकीमों का बेईमान होना
क्या प्रमाण है इस बात का कि
भारत निर्माण हो रहा है ..... ?

चारो ओर भृष्ट तंत्र का बोल-बाला
अब नहीं होता मिलावट खोरों का मुंह काला
लूट रहा है आवाम को सत्ता का रखवाला
और गरीबों की खातिर हर पल
सुरसा की तरह मुंह फैलाती
मंहगाई की ज्वाला ......
प्रमाण है इस बात का कि
भारत निर्माण हो रहा है ..... ?

अरे !  ओ भोले भारत की भोली जनता
अब तो जागो नींद से ....
वरना सफ़ेद पोश में बैठे ये
अन्तर्मन के काले लोग
छीन लेंगे आँखों से हर सपना
और दूर कर देंगे हर उम्मीद से
अपना घर अब हमको स्वयं बचाना होगा
जिसमे अमन के फूल खिलें
जिससे खुशहाली के बीज मिलें
ऐसी फसल लगाना होगा
वरना मचता रहेगा इसी तरह ह्रास-त्रास
होता रहेगा मानवता का परिहास
और कहते रहेंगे ये दलाल
कि हो रहा है भारत निर्माण .....
और मेरा मन बेचैन सदा हो
करता रहेगा ये सवाल कि
नोटों के उछलते हुये बंडल
और संसद में मचता बवाल ही ,
प्रमाण है इस बात का कि
हो रहा भारत निर्माण ........!

ये कैसा भारत निर्माण ..... !
ये कैसा भारत निर्माण ..... !


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