माना जीवन की राहें लाख कठिन हैं
पर कोशिश करने में कंजूसी क्यों ...!
तुझे पता है कि हर मुश्किल का हल होता है
फिर चेहरे में ये मायूसी क्यों .....!
रात हमेशा नहीं ठहरती है
उजाले की किरण को उगना ही होता है
अँधियारा टिकता नहीं देर तक
उम्मीद की लौ को जगना ही होता है
हर राह की अपनी एक मंजिल होती है
फिर मेहनत करने में बदहोशी क्यों ...... !
कोशिश करने में कंजूसी क्यों ...............!
पर कोशिश करने में कंजूसी क्यों ...!
तुझे पता है कि हर मुश्किल का हल होता है
फिर चेहरे में ये मायूसी क्यों .....!
रात हमेशा नहीं ठहरती है
उजाले की किरण को उगना ही होता है
अँधियारा टिकता नहीं देर तक
उम्मीद की लौ को जगना ही होता है
हर राह की अपनी एक मंजिल होती है
फिर मेहनत करने में बदहोशी क्यों ...... !
कोशिश करने में कंजूसी क्यों ...............!
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