मेरी ज़िंदगी
जिंदगी
की जद्दोजहद से टकराती हर शाम है
दिल
में है एक शोला और हर सांस मे तूफान है
मचलती
है दुनिया लाख सितारों को देखकर तो क्या
खत्म
होती है जहां से सितारों की दुनिया
शुरू
होता वहाँ से अपना मुकाम है .....
चलती
हुई मेरी हर सांस कह रही है एक दास्तां
पिघलना
होगा एक रोज पत्थरे मुकद्दर को भी
क्या
हुआ जो तकदीर अभी नहीं मेहरबान है
हर
तूफान को चीरकर पहुंचना है साहिल तक
जो
जिंदगी के हर शय से टकराना चाहती है
अंजलि
वो एक नाम है..........
अंजलि
वो एक नाम है............
No comments:
Post a Comment