Monday 3 December 2012


मेरी ज़िंदगी                 
जिंदगी की जद्दोजहद से टकराती हर शाम है                                                               

दिल में है एक शोला और हर सांस मे तूफान है

मचलती है दुनिया लाख सितारों को देखकर तो क्या

खत्म होती है जहां से सितारों की दुनिया

शुरू होता वहाँ से अपना मुकाम है .....

चलती हुई मेरी हर सांस कह रही है एक दास्तां

पिघलना होगा एक रोज पत्थरे मुकद्दर को भी

क्या हुआ जो तकदीर अभी नहीं मेहरबान है

हर तूफान को चीरकर पहुंचना है साहिल तक

जो जिंदगी के हर शय से टकराना चाहती है

अंजलि वो एक नाम है..........

अंजलि वो एक नाम है............

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