आओ सब
कदम मिलाकर चलें
आओ सब कदम मिलाकर चलें
जग को उजियारे में लाएँ
अंधेरे से डरने से अच्छा है कि
हम एक दीपक जलाएं
हर तन में रोशनी भर दे हम
हर मन में रोशनी भर दे हम
इतने दीप जलाएं कि
हर जीवन में रोशनी भर दे हम
मिट जाएगा गरीबी का अँधियारा
मेहनत के दीप जलाने से
मिट जाएगी लाचारी भी
हिम्मत कि रोशनी लाने से
हर मजबूरी कि एक दवा है
चलो विश्वास कि ज्योति जगाएँ
अंधेरे से डरने से अच्छा है कि
हम एक दीपक जलाएं ।
अँधियारा कितना भी
घना हो
रोशनी कि एक
किरण से भग जाता है
मंजिल की राहें लाख कठिन हों
कोशिश करने से
सब मिल जाता है
सब पा सकते
हैं अपनी मंजिल
सब मे ये विश्वास
जगाएँ
अंधेरे से डरने
से अच्छा है कि
हम एक दीपक
जलाएं ॥
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