Wednesday 5 December 2012

नारी


नारी ईश्वर कि अनमोल कृति है

नारी जीवन देने वाली नव सृष्टि है

एक सुरम्य प्रकाश जगती का

नारी अनमोल रत्न है धरती का ।

नारी ममता कि मूरत है

हर मूरत प्यार कि सूरत है

बिन नारी नीरस सब दुनिया

नारी बलिदानों कि खातिर

हर पल तत्पर है

ऐसी नारी के दामन में जो दाग लगाए

अब हमको मंजूर नहीं

सदियों से सहती आई है नारी अत्याचार

खत्म करो ये दस्तूर

बस अब और नहीं......

बस अब और नहीं........

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