नारी ईश्वर कि अनमोल कृति है
नारी जीवन देने वाली नव सृष्टि है
एक सुरम्य प्रकाश जगती का
नारी अनमोल रत्न है धरती का ।
नारी ममता कि मूरत है
हर मूरत प्यार कि सूरत है
बिन नारी नीरस सब दुनिया
नारी बलिदानों कि खातिर
हर पल तत्पर है
ऐसी नारी के दामन में जो दाग लगाए
अब हमको मंजूर नहीं
सदियों से सहती आई है नारी अत्याचार
खत्म करो ये दस्तूर
बस अब और नहीं......
बस अब और नहीं........
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